मुरैना / 10वीं में फेल हुआ तो खुद गायब हुआ; 12वीं में पेपर न देने पड़ें इसलिए भतीजे को अगवा किया

मुरैना जिले में 12वीं के एक छात्र ने सिर्फ इसलिए अपने तीन साल के मासूम भतीजे (चचेरे भाई के बेटे) का अपहरण कर लिया, ताकि उसे बाेर्ड परीक्षा न देनी पड़े। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे को परिजन ढूंढेंगे तो परिवार का होने के नाते इस काम में वह भी व्यस्त रहेगा। इस बहाने सोमवार को होने वाला पर्चा नहीं देना पड़ेगा। इसके लिए उसने माैके पर एक चिट्ठी भी छाेड़ी, जिसमें लिखा था- यदि बच्चे को जिंदा चाहिए तो रणवीर (आरोपी) की पढ़ाई छुड़वा दो।


बच्चे के अपहरण की खबर पाकर पुलिस जब माैके पर पहुंची ताे सबसे पहले आराेपी ने ही यह कहते हुए चिट्ठी उसके हवाले कर दी कि खटिया पर यह कागज पड़ा मिला है। पुलिस ने चिट्ठी पढ़ी ताे इसी क्लू आैर संदेह के आधार पर आरोपी से पूछताछ की ताे कुछ ही देर में उसने सारी कहानी उगल दी। इसके बाद रस्सियों से बंधे मासूम को एक खेत से सकुशल बरामद कर लिया। एसपी डॉ. असित यादव के अनुसार अाराेपी रणवीर दसवीं में भी तीन बार फेल हाे चुका है। दाे साल पहले दसवीं की परीक्षा के दाैरान भी वह घर से गायब हाे गया था। 


शातिर दिमाग... फलदान समारोह से किया अपहरण


जौरा तहसील के पिपरौआ का पुरा निवासी नेमीचंद पुत्र सुखपाल कुशवाह रविवार को अपनी पत्नी सपना, बेटे बॉबी (5) व आशिक उर्फ भूकन (3) के साथ टुड़ीला में भानजे के फलदान में गया था। रात 8.30 बजे नेमी व सपना गांव के ही रिश्तेदार के यहां दोनों बच्चों को खटिया पर सुलाकर खाना खाने चले गए। जब दोनों लौटे तो छोटा बेटा आशिक गायब था। तलाश करने के बाद जब बच्चा नहीं मिला तो जौरा पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस को खटिया से एक चिट्‌ठी मिली।


इस पर अपहरणकर्ता ने चेतावनी दी थी कि - रणवीर की पढ़ाई छुड़वा दो। पुलिस से शिकायत की तो आशिक को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। चिट्‌ठी में रणवीर पुत्र कृपाराम (19) का नाम आते ही पुलिस ने उसे उठाया और पूछताछ की तो उसने आशिक के अपहरण की बात स्वीकारी। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर सुबह 7 बजे घटनास्थल से दूर एक खेत में रस्सियों से बंधे मासूम को बरामद कर लिया।


केस-2: परीक्षा के डर से 10वीं के छात्र ने फांसी लगाई


ग्वालियर. दसवीं कक्षा के छात्र सुमित गुर्जर ने परीक्षा के डर से एक दिन पहले सोमवार को फांसी लगाकर जान दे दी। उसकी मां बड़ी बहन के साथ 12वीं का पेपर दिलाने के लिए गईं थी। सुमित दो बार दसवीं में फेल हो चुका था। जरारा गांव का रहने वाला सुमित यहां किराए के मकान में मां और बहन के साथ रहता था।