शहर के सरकारी स्कूलों में अब अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर छात्रों को पढ़ाया जाएगा। इसके लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर के 52 सरकारी स्कूलों में लगभग 16 करोड़ खर्च कर 93 वातानुकूलित स्मार्ट क्लासरूम तैयार किए जाएंगे। ई-लर्निंग की तर्ज पर प्रत्येक छात्र को एक-एक टैब दिया जाएगा। इन क्लासरूम की सबसे खास बात यह है कि इसमें छात्रों का ऑनलाइन टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट के परिणाम का आंकलन आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से किया जाएगा।
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आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से टीचर को यह पता चल सकेगा कि किस छात्र ने किस विषय में सबसे ज्यादा सही जवाब दिए और किस विषय में सबसे ज्यादा गलत जवाब दिए। इससे यह जानने में मदद मिलेगी कि किस विषय को छात्र अच्छे से समझ चुके हैं और किस विषय में छात्रों को और अच्छे से पढ़ाने की ज़रुरत है। जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। इसे पूरा होने में लगभग आठ से दस माह का समय लगेगा। यहां बता दें कि वर्तमान में शहर के 35 सरकारी स्कूलों में कुल 36 स्मार्ट क्लासरूम हैं।
जटिल विषयों को सरल भाषा में पढ़ाएंगे
स्मार्ट क्लासरूम में छात्रों को अडेप्टिव लर्निंग टूल के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इस टूल की सबसे खास बात यह है कि इसमें जटिल विषयों को सरल भाषा में पढ़ाया जाएगा। उदाहरण के लिए यदि किसी विषय को समझने में छात्रों को समस्या आएगी तो उस विषय को सरल भाषा में, साथ ही उदाहरण के साथ समझाया जाएगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन बच्चों को होगा, जो कठिन विषय को पढ़ने से दूर भागते हैं।
हर छात्र का होगा लॉग इन आईडी, स्मार्ट फोन पर पढ़ सकेंगे
स्मार्ट क्लासरूम के प्रत्येक छात्र को अपना लॉग इन आईडी बनाना होगा। लॉग इन करते ही उसके टैब की स्क्रीन पर पाठ्यक्रम की जानकारी प्रदर्शित होने लगेगी। क्लासरूम में लगी एलईडी स्क्रीन पर टीचर जो पढ़ाएंगी, वह टैब पर भी डिस्प्ले होगा। इसके अलावा छात्र घर पर भी स्मार्टफोन के माध्यम से लॉग इन कर क्लासरूम में पढ़ाए गए विषयों को फिर से पढ़ सकेगा।
सुविधा व तकनीक में निजी स्कूलों को पीछे छोड़ देंगे